हरियाणा के शिक्षकों को राहत! ✨ तबादला ड्राइव को सीएम की मंजूरी, जानिए पूरी डिटेल्स
हरियाणा के शिक्षा विभाग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिक्षकों के तबादला ड्राइव को मंजूरी दे दी है। यह ड्राइव पिछले दो साल से अटका हुआ था, लेकिन अब नए शिक्षा सत्र से पहले शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएंगे।
✨ तबादला प्रक्रिया में तेजी, 31 मार्च तक रेशनलाइजेशन पूरा करने के निर्देश
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि 31 मार्च तक रेशनलाइजेशन समेत पूरी प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके बाद, 1 अप्रैल तक सभी शिक्षकों को नए स्टेशन पर जॉइन करना होगा।
बैठक में सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि हरियाणा की तबादला नीति के तहत हर साल शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रांसफर होंगे।
मुख्य निर्देश | समय सीमा |
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एमआईएस पोर्टल पर डेटा अपडेट | 24 जनवरी |
जेबीटी अंतर जिला तबादला नीति संशोधन | 7 फरवरी |
रेशनलाइजेशन प्रक्रिया पूरी करना | 31 मार्च |
शिक्षकों को नए स्टेशन पर ज्वाइन करना | 1 अप्रैल |
✨ 80 हजार शिक्षक कर रहे थे इंतजार
हरियाणा में करीब 80 हजार शिक्षक अपने तबादलों का इंतजार कर रहे थे। 2022 के बाद से तबादले रुके हुए थे, जिसे लेकर शिक्षक संघों ने कई बार सरकार से मांग की थी। शिक्षा मंत्री को कई ज्ञापन भी सौंपे गए थे। अब सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर ध्यान दिया है।
✨ स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री सैनी ने शिक्षा विभाग को 2 साल के भीतर स्कूलों की कार्यप्रणाली और ढांचे में सुधार करने का लक्ष्य दिया है। इसके तहत:
- स्कूलों में टॉयलेट, पेयजल और बेंच जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
- बच्चों की संख्या के आधार पर अध्यापकों की तैनाती होगी।
- नए बजट पर भी विभाग को जल्द से जल्द योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
✨ तबादला ड्राइव इसी हफ्ते हो सकता है शुरू!
तबादला ड्राइव को लेकर मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव यशपाल के साथ एक बैठक हुई थी। इसमें तबादले की तिथियों और श्रेणियों पर चर्चा की गई।
इस ड्राइव के तहत PRT, TGT, PGT और C&V शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा। खासतौर पर JBT शिक्षक पिछले कई वर्षों से अंतर-जिला ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं। संभावना है कि इसी सप्ताह तबादला प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
✨ सरकार की नई नीति से शिक्षकों को राहत
हरियाणा सरकार की नई तबादला नीति के चलते अब हर साल ऑनलाइन ट्रांसफर होंगे। इससे शिक्षकों को राजनीतिक दबाव और भ्रष्टाचार से बचाव मिलेगा।
शिक्षक अब डिजिटल प्रक्रिया के तहत ट्रांसफर की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और मनचाहे स्थानों पर नियुक्ति पा सकेंगे।